रेकी क्या है और रेकी के फ़ायदे
रेकी क्या है
रेकी एक प्राचीन जापानी चिकित्सा पद्धति है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने और उपचारित करने में मदद करती है। 'रेकी' शब्द दो जापानी शब्दों से मिलकर बना है - 'रे' जिसका अर्थ है 'आध्यात्मिक ज्ञान' और 'की' जिसका अर्थ है 'जीवन ऊर्जा'। यह एक ऊर्जा चिकित्सा प्रणाली है, जहां उपचारकर्ता अपने हाथों के माध्यम से उपचार ऊर्जा का प्रवाह करता है, जिससे रोगी को राहत और शांति मिलती है।
रेकी की उत्पत्ति 20वीं सदी की शुरुआत में जापान के मिकाओ उसुई द्वारा की गई थी। उन्होंने ध्यान और आत्मज्ञान के माध्यम से इस ऊर्जा को पुनः खोजा और इसे एक चिकित्सा प्रणाली के रूप में विकसित किया। रेकी का मुख्य सिद्धांत यह है कि हमारे शरीर में एक जीवन ऊर्जा बहती है, जो हमें जीवित और स्वस्थ रखती है। जब यह ऊर्जा अवरुद्ध या असंतुलित हो जाती है, तो व्यक्ति शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक समस्याओं का सामना करने लगता है।
रेकी सत्र मे के दौरान , उपचार करने वाला मास्टर अपने हाथों के द्वारा रोगी के शरीर के ऊपर या सीधे शरीर हलके हाथ से रोगी को छूता है। इस दौरान, उपचार करने वाला मास्टर की ऊर्जा रोगी के शरीर में डाली जाती है और रोगी को संतुलित करती है। इस ऊर्जा का प्रमुख उद्देश्य रोगी के शरीर के आत्म-उपचार तंत्र को सक्रिय करना होता है, जिसके माध्यम से शरीर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा और अन्य रुकवटे हट जाती है और व्यक्ति स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है।
रेकी न केवल शारीरिक दर्द, बीमारियों व परेशानियों में ही राहत नहीं देती है, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी बढ़ाती देती है। यह चिंता, तनाव, नकारात्मकता , उदासीनता , चिंतित, क्रोध, चिड़चिड़ापन और दर्द महसूस करना और अन्य मानसिक समस्याओं में भी कारगर साबित होती है। रेकी का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होता, और इसे किसी भी अन्य चिकित्सा पद्ति के साथ जोड़ा जा सकता है तथा ये बहुत ही सरल है।
रेकी एक सरल, लेकिन गहरी चिकित्सा प्रणाली है जो व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है। इसका अभ्यास करने वाले व्यक्ति इसे एक आध्यात्मिक और चिकित्सीय मार्ग के रूप में अपनाते हैं, जिससे उन्हें जीवन में शांति, संतुलन और संतोष प्राप्त होता है।
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